Aspects of Love

ASPECTS OF LOVE 

"DEDICATED TO MY DEAR FRIEND  SHRIVASTAV"

प्यार सुनने में जितना छोटा ,सहज , सरल और प्यारा लगता है समझने में उतना ही विशाल ,कठिन , और विचित्र है। पर इसे समझने का भी अपना ही मजा है बस इस बात के लिए तैयार रहना होगा की छलांग तो लम्बी होगी सागर भी गहरे मिलेंगे हर मोड़ पर न जाने कितने पहरे मिलेंगे 
फिर भी जो कूद गया वो पा गया जो खड़ा रहा वो पड़ा रहा। 

IF YOU WANT TO KNOW WHAT IS LOVE AT FIRST YOU HAVE TO UNDERSTAND IT, IF YOU WANT TO UNDERSTAND THE LOVE YOU HAVE TO FEEL IT 
AND IF YOU REALLY WANT TO FEEL IT YOU HAVE TO FALL IN LOVE............

ज़िन्दगी मिलेगी ना दोबारा ये तो आप सभी ने सुना ही होगा तो इसका मतलब  जो भी करना है इस जीवन में ही करना है। कितनी अजीब बात है की  इस छोटी सी ज़िंदगी में ही इतनी बड़ी मोहब्बत की गुत्थी को सुलझाना है। चलिए इस सफर में मै  आपका साथ देता हूँ। 

आप सभी अपने अतीत के कुछ पुराने पन्नो को पलट कर देखिये कोई न कोई था या शायद आज भी है जिसकी कमी पूरी नहीं होती।
 पर फिर भी ज़िन्दगी चली जा रही है क्यूंकि इसकी कहानी कभी अधूरी नहीं होती ,जहाँ तक चल पड़ा सफर का कारवां वही तलक सिमट कर रह गई ज़िन्दगी सांसे अधूरी रह गई चाहत भी न पूरी हो सकी फिर भी अलविदा कह गई ये ज़िन्दगी !

प्यार को समझता ही कहाँ था मै  मेरे लिए मेरा प्यार मेरा दोस्त मेरा सब कुछ तो बस ये प्रतियोगिता की किताबे ही थी जो इम्तिहान दर इम्तिहान पास आती जा रही थी दुनिया से मै  दूर हो रहा था या दुनिया मुझसे ये भी समझने का समय कहाँ था बस एक इम्तिहान ख़त्म तो दूसरा आ जाता था। मै  सफल भी हुआ मुझे कई बार नौकरी मिली पर हर बार अंदर से यही आवाज आई शायद ये मेरा लक्ष्य नहीं है। मै  खुद की बनाई  काल्पनिक दुनिया में ही खुद को खोने लगा था फिर भी जो था जैसा था अपने काम में व्यस्त था। 

प्यार , मोहब्बत   आशिकी ये सब सिर्फ लफ्जो के सिवा  और कुछ  नहीं थे पर वो आई तो इन लफ्जो को मायने मिल गए .............

पर मुझे क्या पता था की ये दुनिया बस कहानियों  में ही अच्छी होती है वास्तविकता से इसका कोई सामंजस्य नहीं होता।  मैंने खुद को बहुत समझाया फिर भी कहते है ना की जो जब होना हो तब हो ही जाता है , उन्होंने मेरे व्यस्त जीवन को भी मस्त बना दिया मै जितना समय पढाई पर देता था वो भी  मेरे साथ पढ़ने लगी मेरी आँखों में तो पहले से ही नींद नहीं थी पर वो भी मेरे साथ जगने लगी। 
धीरे धीरे दोस्ती का ये रिश्ता फ्रेंडशिप डे न्यू  ईयर होते हुए वैलेन्टिन डे तक पहुंच गया मै  फिर सहमा दो पल के लिए रुका उनसे बार बार ये पूछा की क्या ये सच है उन्होंने बहुत विश्वाश के साथ कहा की क्या ये सब भी कोई झूठ बोलता है क्या ? मै  भी सरकारी स्कूल में पढ़ने वाला भाई सरकार की तरह ही छला गया। 

मुझे क्या पता था की जिसके लिए मै  खुद को बदल रहा हूँ वो एक दिन बदल जायेगा।  मै  इस क्षेत्र में नया था पर वो इसकी चैंपियन थी।  मेरे लिए तो ये  डेब्यू  मैच था , वो न जाने कितनी सीरीज खेल चुकी थी पर ये पहला गेम ही भारी पड़ गया। मेरे लिए ये पहला प्यार था पर उनके लिए प्यार का पंचनामा। मै  नया था पर उनके पास कई पुराने अनुभव थे , शायद यही वजह थी की अनुभव वाली ने  अनुभवहीन का सफलता पूर्वक शिकार कर लिया। पहले तो उन्हें मेरी बातें मेरे लिखने का ढंग मेरा टैलेंट सब इतना भाया की मानो जैसे वर्षा की रिमझिम फुहार का मदमस्त वसंत  से दुर्लभ संगम हुआ हो।  पर झूठ की बुनियाद पर बनाया गया उनका ये क्षणिक रिश्ता धीरे धीरे वक़्त के साथ समझ  आने लगा और सच्चाई दिखने लगी वो मुझे इग्नोर करने लगी पर मै  फिर भी उनकी आँखों में  वही जीने की वजह तलाशता रहा सुना था की आँखें कभी झूठ नहीं बोलती पर इन आँखों को भी २१वी सदी की प्रदूषित आबो हवा ने छलिया बना दिया है और मै  हर बार धोखा खाता रहा /

उन्हें लगा चलो अच्छा हुआ बला  टली।  मैंने उनसे कोई शिकायत नहीं की क्यूंकि मुझे पता था की धोखा खाने वाले को तो  कुछ समय के लिए  FEEL होता है पर धोखा देने वाला ज़िन्दगी भर जलील होता है। 

ज़िन्दगी अपनी रफ़्तार में चलती रही जितनी तेजी से हम करीब आये थे उसकी दुगनी रफ्त्तार से वो दूर निकलती रही।  
उन्हें तो शौक था दिल लगाने और तोड़ने का पर हमें खौफ था ज़िन्दगी को इस कदर छोड़ने का। 

हम इस रिश्ते का नाम तलाशते रहे और वो हमारे मोहबब्त  के निशान मिटाते रहे। 

अब  एक बात समझ में आती है की हम मध्यम वर्ग वालो की ज़िन्दगी एक हाफ गर्लफ्रेंड की तरह ही होती है ,
आधी गुजर जाती है ये समझने में की करना क्या है और आधी जो मिला है उसे ठीक करने में। 

अगर निभाने हो तभी रिश्तें बनाओ क्यूंकि  आपके इस  TIME PASS के  चक्कर में कोई टूट जाता है ......

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