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Showing posts from June, 2023

Your quote

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Loyalty leads the Relationship

Loyalty leads the Relationship :-   https://youtu.be/p0wkEIR5AuQ रिश्तों की जमापूँजी है लॉयल्टी । विश्वास की परंपरा को बरकरार रखने के लिए बस दो नजरें ही काफी है जो कह दे खामोशी से कि :- We understand everything , वैसे तो लोग प्यार ,मोहब्बत और रिश्तें पर कई बड़ी-बड़ी मिसालें देते है । मगर सिर्फ कहानियों और किस्से तक ही ,हकीकत के धरातल पे बस रिश्तों का निर्वाह किया जाता है । मगर आज भी real लाइफ stories में कुछ character ऐसे है जिन्हें देख कर और सुन कर ऐसा लगता है जैसे कोई fairy tales के पात्र हो । ऐसा इसलिए क्योंकि आज के दौर के लिए इनकी mutual understaning और एक-दूसरे के प्रति असीम प्रेम एवं सबसे महत्वपूर्ण लॉयल्टी बाकी सब के लिए कल्पना मात्र ही है । बात भी सही है आज loyalty शब्द ही रफ्ता-रफ्ता अपनी लॉयल्टी खोते जा रही है । क्योंकि रिश्ते की कद्र कोई करना ही नहीं जानता और जिसे पता है लोग उसे out dated और old फैशन तथा पुराने विचारों वाला साबीत कर देते है । modern society में शायद किसी भी रिश्ते के लिए लॉयल्टी को responsibilty से replace कर दिया गया है । इसकी वजह है कम होता आपसी संवाद जी हा

गाँव ,गाँव ना रहा !

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लहरों पे सफर कर रहा है आजकल मेरा गाँव ,हवायें बदल गई है ! दरिया तो दूर है बहोत ,दरअसल इसे गर्मी की नजर लग गई है !! जरूरतों ने गाँव को शहर बना दिया यूँ ! अब धधकती है जमीं तो शिकायतें ,फिर क्यों ? कहाँ है वो छाँव 🌱 सुकून से भरा - " मेरा गाँव " । ✍️shabdon💚ke💚ashish✍️

शाम का पैगाम आपके नाम : सबके विधाता "पापा"

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तैयार है फिर एक शाम ढलने को थके हुए दिन से रात में बदलने को बुला रहे है खाली पड़े घोसलें गगन में सैर कर लौटते हुए पंछियों को। चंद रुपये की तलाश में रोटी कमाने निकले हालात से मजबूर वक़्त के मजदूर के इंतजार में बैठा है उसका परिवार और सुना घरबार रसोई के द्वार पर । बैठी है एक माँ अपने बच्चों के लिए कुछ पकाने को मानो कह रही हो बच्चों से पापा को आने " दो। चूल्हे के बाहर पसरी है सूखी लकड़ियाँ वीरान पड़े है बर्तन नयन बने है नयनों के दर्पण एकटक निहार रहे है सब राह तभी हर्ष से चीखती है वो नन्ही बालिका वाह वो देखो आ गए पापा। फिर क्या खत्म हुआ सहसा घर का सन्नाटा। हाथों में है सब्जी, दाल, चावल, तेल, मसाले और आटा अब नन्ही परी खायेगी अपना मनपसन्द पराठा ;वो ,ओट में छिप कर तवे पे देख रही है जो .... इन्हें आज रात नींद नसीब होगी बेशक पर कल भी जारी रहेगा वही इंतजार शाम होने तक । ढ़लते सूरज के उस ओर आड़ी-तिरछी पगडंडियों पर गमछे में दिन भर की मेहनत का प्रसाद लेकर घर की ओर डगमगाते पाँवों तले इनके विश्वाश की जमीन के फासलों को कम करता इनका भाग्य- विधाता :- घर की दहलीज के भीतर बैठी बिंदी का सुहाग, उसके माथे

जुगलबंदी

जुगलबंदी इस दुनिया में सभी दौड़ना चाहते है ,सबसे आगे भागना चाहते है ,सच कहूँ तो बिना पंखों के उड़ना चाहते है । मगर !साथ-साथ चलने वाला बड़ी मुश्किल से मिलता है । कभी आगे चले तो पथ प्रदर्शन करे । साथ चले तो हमदर्द और हमसफ़र बने । पीछे चले तो छतरी बने कवच बने । पंछियों का जोड़ा कितना प्यारा लगता है ना । मगर पिंजरे में नहीं उन्मुक्त गगन में उड़ते हुए , पेड़ो की डाल पर चहचहाते हुए ,छत की मुंडेर पर गीत खुशी के गाते हुए । मगर कब तक बस तब तक जमाने की नजर ना लगे जब तक । एक पंछी का जोड़ा बड़ा प्यारा है । उनकी जुगलबंदी अविस्मरणीय है । आपसी समझबूझ तो अद्वितीय । मगर उस नन्ही चिड़ियाँ जो अब थोड़ी बड़ी दिखती है कि एक अलग कहानी थी । वो रहना तो अपने प्रियतम के साथ चाहती है तन-मन से ,मगर उसका सौदा पहले से ही कोई और कर बैठा है मजबूरियों के हाथ । फिर भी उसने अपने मन को रोका नहीं ,ऐसा नहीं कि उसे समाज के लाज-लिहाज का डर नहीं पर ये चारदीवारी उसका सही घर नहीं । वो तो आसमान को भी भेद दे ऐसा उसमें बल है तेज है । उसने पहले तो अपने हाल और हालात को अपने जोड़ीदार से छुपा कर रखा ,घुट-घुट कर सभी जज्बात को दबा कर रखा । फिर भी बच

Love जिहाद 🤔

लव जिहाद  Watch on YouTube https://youtu.be/xd-94NFQCqA आजकल सबकी जुबान पर बस यही चढ़ा है so called लव जिहाद । अरे इन दोनों शब्दों का कोई कनेक्शन हो सकता है क्या ?I think कभी नहीं । क्योंकि जहाँ love है वहाँ जिहाद कैसे और जहाँ जिहाद है वहाँ love कहाँ । वैसे तो ये बस एक संकीर्ण मानसिकता मात्र है जिसे हमारे समाज ने एक नया नाम और धार्मिक रंग दे दिया है । प्रेम तो हर धर्म के मूल में है । फिर कोई भी धर्म लव जिहाद की बात नहीं कर सकता । इस नए generation को ना तो अपने religion के बारे में ठीक से पता है और love ये तो बस हवस का symbol बन कर रह गया है । आज के इन निब्बा-निब्बियों को freedom और privacy कुछ ज्यादा ही चाहिए । और इसी अतिनिजता की आड़ में फल-फूल रहा है ये लव जिहाद ।  धर्म परिवर्तन की बढ़ती घटनाएं भी इसी का result है ,किसी के बहकावे में आकर ये prematured population बहुत easily influenced हो जाती है और इस show off वाली culture से affected होकर इस दिखावटी झूठे प्यार के चक्कर में अपने parents को ignore और hurt करती है जिन्हें अंत में पछतावा होता है ,मगर तब तक बहुत देर हो गई होती है । अपने reli