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Showing posts from November, 2020

Thoda_Aur

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नहीं जाऊंगी दूर .... कहती है मुझसे अरे ! मैं जाने दूँ तब ना ये दिल का दरबार है ' जाना ' ना अपनी मर्जी से आ सकती है  और ना  जा सकती है  खत्म हो गए मनमर्ज़ियों के वो  सारे दौर ..... फैसले करने का हक  फासलों ने खो दिया है  हर रोज जो आते गए पास हम  थोड़ा और ,  थोड़ा और , थोड़ा और .....

Tumhari_Yaadein_Tumhari_Baatein

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हर रोज बैठते है  इम्तिहान में आशिकी के  चंद तन्हाइयों के सवाल गुजरते  नजरों के सामने से जवाब में हर प्रश्न के हम शौक से आपका नाम लिख देते है  और फिर हर रात परिणाम में  आपकी यादें  आपकी बातें ....... ✍️ shabdon_ke_ashish ✍️
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मेरे सपनों के घर मे  तेरे ख्वाबों की रंगोली  दिवाली की जगमग में  रंगों की होली आँखे बनी है  देखो आज डोली सवार हो तुम इस पर  बन के हमजोली ये रंगों का दामन  वो खुशियों का आँगन बाहों के तकिये निगाहें बिछावन  बड़ा मन को भाता ये सुंदर सा नाता सजाया है रब ने  बनाया विधाता तू हर आरजू में  तू हर अंजुमन में अब हर साँस तेरी  तू ही हर धड़कन में  पटाखों के शोर में भी  ये कैसी खामोशी तू हर ओर होती  तू हर ओर होती  अमावस की काली है  ये रात माना मगर तुझसे रौशन  ये दिल आशिकाना है जगमग जगमग  मेरा आशियाना सितारों के पीछे  वो तेरा मुस्कुराना दिल की दिवाली का  हो तब ही आना माना कि आज नहीं चाँद होगा  मगर आसमां को भी ऐतराज होगा  दियों को हवाएं यूँ सहला के जाए की धरती पे देखो कहीं चाँद होगा  वो मेरी नजर में  वो मेरे शहर में वो है शाम मेरी  वो मेरे सहर में तरसते रहा हूँ यूँ बरसों से मानों मेरी नजरों से देखो तब जानों बरसती रही थी ये वर्षों से समझो आज इसकी दिवाली है  उस दिल से कह दो जो है हाल मेरा  वही हाल तेरा  सजने लगा  अब ये सुंदर बसेरा ये तेरी रंगोली  बनी आज दिल पर उकेरा है तुमने कुछ यूँ हाथ देकर समंदर से कह द
ये दिल दीवाना ...... यूँ ना था कभी जाना हाँ , तन्हा जरूर था माना , खुद से भी बेगाना  मगर नजरों के सामने उन नजरों का आना और फिर वक़्त का हम दोनों के दरमियाँ  कयामत तक ठहर जाना ! फिर हौले से वो आपका मुस्कुराना ....... उफ्फ वो अदा , जो सबसे अलैदा , सबसे जुदा  रफ्ता - रफ्ता इस दिल पे उस दिल का काबिज हो जाना ये दिल दीवाना ...... ✍️ shabdon_ke_ashish ✍️
कई साल पहले ! हम भी किसी महफिल में रौशन थे मगर वक़्त ने हालात के साथ दोस्ती कर ली , और फिर हमें रफ्ता - रफ्ता , तन्हाई का रास्ता दिखा दिया ...... अब हमने भी तन्हाई से  उम्मीदों की संधी कर ली है  आने लगे है एक - एक कर  सभी महफिल वाले  मुझसे ...... तन्हाई का पता पूछने  आँखों में अश्कों की चमक लिए  सुना है बूझने लगे है महफिलों में फिर से ख्वाहिशों के दिये ....... ✍️ shabdon_ke_ashish ✍️