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Showing posts from October, 2020

Bihar Election

अब चुप नहीं बैठ सकते अब तो हद हो गई  कहीं फिर बहूत देर ना हो जाये ! खामोशी का मतलब कमजोरी समझने लगे है लोग  अब ये मौन भंग होगा और ये लघु संवाद कलम से क्रांति और सागर में सुनामी का प्रवर्तक बनेगा । कई दिनों से बिहार चुनाव के भाषण वीरों का एक हाई वॉल्टेज ड्रामा देख रहे है । #10लाख vs #19लाख मतलब सबकुछ से थक गए तो एक लाचार बेरोजगार युवा वर्ग मिला है । चलिए कम से कम हिन्दू - मुसलमान , दलित - महादलित , अगड़ा - पिछड़ा , क्षेत्र , समुदाय , परिवार , कुटुंब इत्यादि सामाजिक दैत्यों से तो मुक्ति मिली मतदाताओं को । किसको रोजगार देने की बात करते है आप , आप है कौन ? कोई प्रतियोगिता पास करके नेता बने है क्या ?  What is your authority to issue these critical questions ? Q.Who gave you power ?  Ans. We the people of India . So , shut up your rubbish mouth . कभी किसी निश्चित परीक्षा के अनिश्चित पाठ्यक्रम का तैयारी किये है आप लोग , खैर छोड़िए ये आपके बस की बात भी नहीं । हमारे संविधान की दुहाई देने वाले आपलोगों को तो ठीक से संविधान भी नहीं पता होता ।  खुद का नामांकन प्रपत्र तो स्वयं भर नहीं पाते उसके लिए भी

Bihar Election

अब चुप नहीं बैठ सकते अब तो हद हो गई  कहीं फिर बहूत देर ना हो जाये ! खामोशी का मतलब कमजोरी समझने लगे है लोग  अब ये मौन भंग होगा और ये लघु संवाद कलम से क्रांति और सागर में सुनामी का प्रवर्तक बनेगा । कई दिनों से बिहार चुनाव के भाषण वीरों का एक हाई वॉल्टेज ड्रामा देख रहे है । #10लाख vs #19लाख मतलब सबकुछ से थक गए तो एक लाचार बेरोजगार युवा वर्ग मिला है । चलिए कम से कम हिन्दू - मुसलमान , दलित - महादलित , अगड़ा - पिछड़ा , क्षेत्र , समुदाय , परिवार , कुटुंब इत्यादि सामाजिक दैत्यों से तो मुक्ति मिली मतदाताओं को । किसको रोजगार देने की बात करते है आप , आप है कौन ? कोई प्रतियोगिता पास करके नेता बने है क्या ?  What is your authority to issue these critical questions ? Q.Who gave you power ?  Ans. We the people of India . So , shut up your rubbish mouth . कभी किसी निश्चित परीक्षा के अनिश्चित पाठ्यक्रम का तैयारी किये है आप लोग , खैर छोड़िए ये आपके बस की बात भी नहीं । हमारे संविधान की दुहाई देने वाले आपलोगों को तो ठीक से संविधान भी नहीं पता होता ।  खुद का नामांकन प्रपत्र तो स्वयं भर नहीं पाते उसके लिए भी
खुशियों का घर ! इक ख्वाहिशों का महल जो कभी था चंद अपनों के बीच सपनों के गाँव में ! मगर ! कुछ अपनों से दूर ; आज मजबूर वो मगरूर ! जो छूट गए शहर की भागम-भाग में !! ✍️ shabdon_ke_ashish ✍️
जानते हो ! आपके शहर में यूँ  अँधेरा है क्यों ? मोहब्बत के सारे चिराग बेवफाई की आँधी में  एक-एक कर बुझते  जो चले गए !!! ✍️ shabdon_ke_ashish ✍️
इश्क की गलियाँ ***** नायाब ना रही अब बेवफाई से तन्हाई तक सफर कर गए सभी ... शायद ; जो कभी !! यहाँ " जश्न-ए-इश्क " के ' दिवान-ए-खास ' थे ..... ✍️ shabdon_ke_ashish ✍️

उनके बारे में लिखते-लिखते

एक अरसा बीत गया है  अब तो बेसब्री ने भी रफ्ता-रफ्ता सब्र का दामन थाम लिया है  पहले इजहार में लिखा फिर इंतजार में लिखा अब लिखते है हाल-ए-दिल में उस आशिकी को  जो ना कभी हुई ना कभी दिखी  बस कभी कभार एक ज्वार सा आता है धड़कनों के बीच  और फिर यादों की कुछ लहरें टकराकर लौट जाती है वापस  आहिस्ते - आहिस्ते ...... उनके बारे में लिखते-लिखते !!!! ✍️ shabdon_ke_ashish ✍️

एक कप चाय

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कोरा कागज है जिन्दगी

जिसने जैसा लिखा जितना लिखा उसकी वैसी है जिन्दगी कोई इसके ईशारे पर नाचता चला गया किसी ने इसे अपनी उँगलियों पर नचाया कोई खड़ा रहा , कोई अड़ा रहा , कोई तन्हा पड़ा रहा कोई इसके ईशारे कभी समझ ना पाया कुछ लिख-लिख कर मिटाते रहे कुछ खुद का लिखा छिपाते रहे कुछ ने औरों का लिखा छाप दिया कुछ औरों को लिखना सिखाते रहे अपनी पहचान अपनी शान है जिन्दगी औरों की नजर में बस पल भर की मेहमान है जिन्दगी खुद की अदालत में खुद की वकालत है जिन्दगी मिल गई तो पूरी वरना अधूरी मोहब्बत है जिन्दगी कभी कायनात , कभी कयामत तो कभी आफत है जिन्दगी लिखा नहीं तो सीखा नहीं आखिर दास्तानों में दबी कभी परिचित तो कभी अजनबी रंगों से भरी रंगीन दुनिया में रंगहीन सी , बारीक सी , महीन सी कभी उलझी तो कभी सुलझी कोरा कागज है जिन्दगी ........

Happy Navaratri

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रोगानशेषानपहंसि तुष्टा, रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां, त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।। जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।। सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्‌। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥ विश्वेश्वरि त्वं परिपासि विश्वं, विश्वात्मिका धारयसीति विश्वम्। विश्वेशवन्द्या भवती भवन्ति, विश्वाश्रया ये त्वयि भक्ति नम्रा:॥ प्रपन्नार्तिहरे प्रसीद प्रसीद मातर्जगतोखिलस्य। प्रसीद विश्वेश्वरी पाहि विश्वं त्वमीश्वरी देवि चराचरस्य।। शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे। सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते॥ जय माता दी  🙏 आशीष 🙏

सर्दी की एक रात

एक अंटार्कटिका में जमे बर्फ से भी ज्यादा ठंडी रात दूर तक पसरा सन्नाटा आसमान में तारों के बीच ठिठुरता चाँद कुछ तेरे-मेरे मेरे-तेरे जज्बात आती-जाती जाती-आती गर्म साँस आँखों के दरमियाँ कुछ सरगर्मियाँ लड़खड़ाते मगर फिर भी फड़फड़ाते होंठों की बिजलियाँ फिर कुछ हिचकियाँ और रफ्ता रफ्ता बढ़ती नजदीकियाँ कंपकंपाते हाथ सुलगती धड़कनें इंतजार है जिन्हें उस ओर की हलचलों का दोनों तरफ लगी एक सी आग पर्दे में है जिस्म पर नजरें बेपर्दा एक होने को सिमट जाने को लिपट जाने को ठहर जाने को एक दूजे की बाहों में आशिकी का सफर मंजिल-ए-कायनात पर बिखर जाने को कयामत सी वो मुस्कान ले ना ले कहीं जान कमरे की धीमी रौशनी में चाँद को निहारती नजरें चाँद भी उतरने को बेकरार धरती के सीने में हो जायेंगे सराबोर आज दोनों पसीने में #shabdon_ke_ashish

खुद में खोया हूँ

हाँ चलो माना कि कई रातों से ना सोया हूँ पर खुश हूँ कि अब नींद आएगी इस बनावटी दुनिया से जो दूर हूँ थोड़ा तन्हा तो जरूर हूँ कुछ जख्मों के दाग रह गए थे उन्हें अश्कों से धोया हूँ खुद से खुद को मिलाने को अरसों तलक रोया हूँ आज ये जो हल्की सी मुस्कान है इस प्रत्यक्ष का प्रमाण है कि चंद दबी ख्वाहिशों को बामुशक्कत फिर से पिरोया हूँ यादों के झरोखों से चुन कुछ लम्हों को संजोया हूँ मैं ! आजकल '''''''' खुद में खोया हूँ ....... #shabdon_ke_ashish

Tumhare_Bina_Bhi

कलाम बनूँगा

बस एक गलती है ....

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Meri_Zindagi_Ho

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वो भीनी सी खुशबू  वो संग भीग जाने की मेरी आरजू वो सौंधी सौंधी महक  वो गालों की लाली चटक वो झुकी झुकी पलकें  वो होठों का फड़फड़ाना हल्के हल्के वो आँखों में चमक  वो सादगी की खनक वो गिर के उठती पहली नजर वो हर अदा में बेखबर वो रफ्ता-रफ्ता कली से फूल बन जाना वो बड़ी अदब से शरमाना वो जुगनू से जगमगाते दाँत वो मख्खन से हाथ वो उल्टी हथेली पर तितली का आना वो वक़्त का वहीं ठहर जाना  वो रेशम से महीन बालों की घटा वो कुदरत की अद्भुत छँटा ख्वाब हो या हकीकत हो  जो भी हो बेहद खूबसूरत हो  खुद को संभाल कर रखा करों उस दिल से ज्यादा इस दिल की जरूरत हो  माना मेरी एकतरफा मोहब्बत हो  पर इन दो नजरों पे उस रब दी रहमत हो  साँस जाने तक एक- एक साँस सम्भाल लेते है  हर धड़कन पे आपके होने का एहसास डाल लेते है  प्यार की परिभाषा हो इस चंचल मन की अभिलाषा हो  दिल में दबी हर बात हो इस तपते दिन की ठंडी रात हो  सुबह की लाली हो कोई शाम मतवाली हो बेशक कोई दाग नहीं पर चाँद तो जरूर हो माना इस जमीं की पहुँच से दूर हो पर आँखों के रस्ते दिल के बेहद करीब हो अगर मैं किस्मत तो आप नसीब हो सीने में सुलगती एक आशिकी हो  और सच कहूँ तो मेरी ज़िन

Dream 11 Vs. Bihar Election

क्या कलकत्ता चेन्नई से भिड़ने को है तैयार  या फिर चेन्नई कलकत्ता को देने वाली है करारी हार , अगर इन सब में दिलचस्पी नहीं तो आपका जीना है बेकार  मैं बिहार से " रवीश "नहीं आशीष कुमार !!!! एक तरफ जहाँ बिहार में चुनाव है  वहीं दूसरी तरफ पॉइंट्स टेबल में भी तनाव है  जैसे एक-एक दिन कोई पुराना चेहरा नई पार्टी के साथ दिख रहा है  ठीक वैसे हर मैच के परिणाम के बाद नेट रनरेट का फर्क भी अब ऐसे में सवाल ये है कि जनता क्या चाहती है वो किसके साथ है  बिहार के मुख्य मंत्री तो वही होंगे जो रहा करते है  भले कोई जीते कोई हारे वो कहाँ परवाह करते है  मगर आज की प्राइम टाइम में हम बात करेंगे कल के मैच की वो एक अनुकूल कैच  या फिर फ्लाइंग पोलार्ड बुमराह के विकेट चार या फिर रनों के साथ उगते सूर्य कुमार  क्या जबरदस्त थे मुंबई के यॉर्कर " तेजस्वी " भईया की तरह अकेले संघर्ष करते दिखे "  "बटलर" राजनीति हो या खेल तैयारी बेहद जरूरी है  क्या हिटमैन शर्मा जी की मुंबई बेहद मजबूत है  और अपने बिहार वाले चच्चा के साथ कोई मजबूरी है राजस्थान जिस प्रकार कल पस्त दिखी है विगत कुछ वर्षों में विपक्

Dream 11 IPl 2020

ये दिल्ली कैपिटल्स वाला सब मिर्जापुर देख के खेल रहा है सब का .....🤔🤔🤔🤔 बाकि फैसला तो तब होगा जब मुंबई इंडियंस इनको गैंग्स ऑफ वासेपुर दिखाएगी । बैंगलोर का , कलकत्ता का , चेन्नई का , पंजाब का सब का बदला लेगा रे अपना पंड्या ..... वैसे पोलार्ड नाम है एक का , का नाम है पोलार्ड 50 रन ठोक देता है 17 गो गेंद में बस  केतना गेंद में 17 गेंद में बस  का ठोक देता है 50 रन  उ भी बड़ा बड़ा गेंदबाज के सामने सर के सीधे ऊपर से हजरात ! हजरात ! हजरात ! हिटमैन के नाम से तो वाकिफ है आप ई थोड़ा मूडी है जनाब  3-3 ठो दोहरा शतक एकदिवसीय में बाकि घमंड रत्ती भर नहीं पुल तो इनसे बढ़िया शायद ये भी नहीं करते  का पता कहियो सुरिया गए त आईपीएल में भी डबलिया दे कोई जानता है शर्मा जी का दोहरा शतक और RCB का किस्मत कब लग जाये  ताक काहे रहे हो  गेंद समझ में नहीं आई का ई बुमराह का गेंद है  एतना बड़का हो गए  और बुमराह को नहीं जानते  बोल्ड मार देते है  बैट और गोड़ के बीचे में से  वैसे K L राहुल और मयंक अग्रवाल ने अच्छा खेल दिखाया है बाकी टीम जीत नहीं रही  एक ठो गाना पंजाब और उनके लिए  याद तेरी आएगी , हमको बड़ा रुलायेगी .... चेन्