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Showing posts from June, 2024

वो बिल्ला है या फिर कोई पूर्वज :- मोहब्बत और दहशत की कहानी ✍️

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बात है मेरे नानी घर की , नानी तो अब नहीं रही पर है तो नानी का घर ही । ये किस्सा है भोजपुर जिले के अंतर्गत आरा शहर के आनंद नगर मोहल्ले का । एक ओर पूरे पिपरहिया रोड क्षेत्र में मंटू का खौफ तो दूसरी तरफ मेरे नानी के घर में अचानक से आ धमके और डेरा जमाये बिल्ले का रहस्य दोनों ही इस कस्बे में चर्चा का विषय है । वैसे तो इस बिल्ले ने अभी तक कोई नुकसान नहीं किया पर इसकी रहस्यमयी उपस्थिति और क्रियाकलाप सोच-विचार करने पर मजबूर कर देते है । इसे कितना भी भगाओ ये जाता नहीं है इसे कोई और घर क्यों भाता नहीं है ? एक बार तो मेरे ममेरे भाई ने इसे 6-7 km दूर छोड़ आने की योजना बनाई फिर क्या स्कूटी उठाई और हवा से बातें करता हुआ कुछ ही मिनटों में वो बिल्ले को घर से दूर रख आया । क्या गजब की खुशी थी चेहरे पे और परिवार में भी बेहद सुकून का माहौल मगर कब तक पता नहीं । फिर जो हुआ वो आश्चर्यजनक था ,शाम को बिल्ला महाराज वही उसी कोने में इन्वर्टर पर विराजमान थे । मानो जैसे कुछ हुआ ही नहीं मैं हूँ वहीं मैं था जहाँ । और पूरा परिवार अब इस बिल्ले की विरासत को स्वीकार कर बैठा है । मस्त खान-पान और रहन-सहन का समुचित प्रबंध ह

शांत क्यों हो सुशांत 😞

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चलिए सुशांत जी , आपको आपकी याद दिलाते है अब जो हकीकत है उसे ही आईना दिखाते है  पवित्र रिश्ता से आप टेलीविजन पर नजर आते है  सिर्फ अंकिता जी के ही नहीं सबके दिल में बस जाते है  सफर यहीं नहीं रुकता आपका आप तो बहूत आगे तक जाते है  टेलीविजन से निकलकर पर्दे पर आते है और काई पो चे चिल्लाते है PK में चार कदम बस चार कदम  चल दो ना साथ मेरे गाते है  जिस माही ने क्रिकेट से सबका दिल जीत लिया  उनकी Untold Story आप सबको सुनाते है  फिर बड़ी कठिनाई से केदारनाथ जाते है  खैरियत पूछो कभी तो कैफियत पूछो ऐसे गाने के अल्फाज गुनगुनाते है  तब सहसा शांत से रहने वाले सुशांत  छिछोरे बन जाते है  इतने सारे किरदार  बड़ी ही आसानी से निभाते है  सबको Impression का पाठ पढ़ाने वाले खुद Depression में चले जाते है  क्या हुआ जो जिन्दगी से ऊब जाते है  हमें रुलाकर सब कुछ भुलाकर खुद वक़्त से पहले बेवक़्त लटक जाते है  आप कहाँ यूँ हमें छोड़ जाते है  लौट आइए की आप बहूत याद आते है  जब तक ............ 😭😭😭😭 हाँ मेरे साथ तुम रहो ........😭😭😭😭😭 जाने की बात ना करो ...... 😪😔😭😭😭😭 🌱SwAsh🌳 @shabdon_ke_ashish ✍️

कहाँ गया वो पेड़ 🌳

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दोपहर का वक़्त था ,सूरज देवता एकदम बीचोबीच विराजमान थे और आसमान से आग बरस रही थी । एक राहगीर धधकती सड़क पर किसी अनजान मंजिल की तलाश में सफर कर रहा था । मंजिल का तो पता नहीं फ़िलहाल नजरों को एक छांव की ललक थी । तभी मानों अरसों की तलब पूरी हो गई और थोड़ी दूर सही पर एक विशालकाय बरगद का वृक्ष दिखाई पड़ा । फिर तो रेंगते कदमों में मानों सुनहरे पंख लग गए । उड़ता हुआ वो पथिक सीधा पेड़ के आगोश में जा गिरा । पसीने से लथपथ अपनी कमीज उतारी और तालाब में बैठी किसी भैंस या फिर नाली में पड़े किसी कुत्ते की तरह हांफने लगा । थोड़ी देर में ही उसने राहत की साँस ली और मंद-मंद पवनों की थपकी ने कब उसे झपकी के हवाले कर दिया पता ही नहीं चला । थका-हारा यायावर थोड़ी ही देर में गहरी नींद में सो गया । पर अचानक से उसका बदन फिर से जलने लगा और आँख खुली तो ना पेड़ था ना छांव ना दूर-दूर तक कोई शहर ना कोई गाँव । बेचैनी में वो उठ खड़ा हुआ और सोचने लगा कि ये एक सपना है या फिर वो कोई ख़्वाब था । कुछ देर तक आसमान निहारने के बाद वो फिर उसी अनजान सफर पर निकल पड़ा जिसकी ना तो कोई मंजिल थी ना ठिकाना ,आख़िर जेठ सी भरी दोपहरी में दिवाकर से आँख