Posts

Showing posts from July, 2025

वक़्त बदलता नहीं , वक़्त को बदलना पड़ता है ।

Image
    हमने अक्सर सुना है कि वक़्त की सबसे बड़ी खूबसूरती यही है कि चाहे जैसा भी हो गुजर जाता है ; हम बहती हुई दरिया की किसी बूंद को दोबारा नहीं छू सकते । जिस पल में जी रहे है वो पल लौट कर नहीं आयेगा। पर क्या वाकई वक़्त बदलता है या वक़्त को बदलना पड़ता है । इस सवाल के दो आयाम है एक ये कि जीवन को वक़्त के भरोसे छोड़ दे और वक़्त अपने हिसाब से चलता रहे और दूसरा ये कि वक़्त को अपने अनुसार बनाने के लिए निरंतर प्रयास जारी रखा जाए । अब जरा सोचिए वक़्त तो हर हाल में बदलेगा पर आपने इसे अपने अनुरूप बदलने के लिए किया क्या है ?    " वक़्त एक नदी है जो बहती जा रही है , दिशा और दशा तय करेगी सागर तक का सफर "          इतिहास के पन्नों को पलटने पर हम पाते है कि जिसने भी जीवन के उद्देश्य को समझकर लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया उसने इस समय के पहिए को अपने हिसाब से घुमाया या फिर इस पहिए की रफ्तार को पहचान कर उसके ताल से ताल मिलाकर चलता चला गया । और वो लोग जो नियति के भरोसे बैठे रह गए ये सोचकर कि उनका समय आयेगा दरअसल वो समय कभी आया ही नहीं क्योंकि समय बदलता जरूर है मगर उनके लिए नहीं जो जीवन के किसी मोड़ पर ठह...

सपना वो नहीं जो आप नींद में देखते है बल्कि सपना वो है जो आपको सोने ना दे

ये सोलह आने सच है कि सपनों की इस हसीन दुनिया में सबकुछ सपने जैसा ही तो लगता है पर उसके लिए यथार्थ है जिसने अपने सपनों को सोने नहीं दिया , उसे अतीत की पुरानी बस्ती में खोने नहीं दिया और उसे इतिहास के पन्नों में दफन होने नहीं दिया ।  " मंज़िल भी तो बस सफ़र का ही एक हिस्सा है क्योंकि जिंदगी ठहर जाने का नाम नहीं "      आइए इस लघु निबंध में हम सपनों को साकार करने के तरीके को जानने तथा जीवन के उद्देश्य को समझने का प्रयास करते है ।       उपरोक्त शीर्षक हमारे भूतपूर्व यशस्वी राष्ट्रपति जिन्हें हम मिसाइलमैन के नाम से संबोधित करते है का एक कथन है पर असल में इस एक कथन में ही सम्पूर्ण जीवन का दर्शन है । सपने देखना भला किसे पसंद नहीं , पर क्या मनपसंद सपने सोते हुए आ सकते है और अगर यदा कदा आ भी जाए तो नींद के टूटने के साथ ही टूट कर बिखर जाते है और फिर शायद टुकड़े मात्र ही रह जाते है । पर जरा सोचिए अगर कोई सपना खुली आँखों से देखा जाए और उसके पूरा होने तक अपना सर्वस्व लगा दिया जाए तो फिर उसे सच होने से कौन रोक सकता है ।   " सपनों की दुनिया में कोई सच तलाशते है , कल्पना ही तो यथार्थ की ज...