Meri_Zindagi_Ho
वो भीनी सी खुशबू
वो संग भीग जाने की मेरी आरजू
वो सौंधी सौंधी महक
वो गालों की लाली चटक
वो झुकी झुकी पलकें
वो होठों का फड़फड़ाना हल्के हल्के
वो आँखों में चमक
वो सादगी की खनक
वो गिर के उठती पहली नजर
वो हर अदा में बेखबर
वो रफ्ता-रफ्ता कली से फूल बन जाना
वो बड़ी अदब से शरमाना
वो जुगनू से जगमगाते दाँत
वो मख्खन से हाथ
वो उल्टी हथेली पर तितली का आना
वो वक़्त का वहीं ठहर जाना
वो रेशम से महीन बालों की घटा
वो कुदरत की अद्भुत छँटा
ख्वाब हो या हकीकत हो
जो भी हो बेहद खूबसूरत हो
खुद को संभाल कर रखा करों
उस दिल से ज्यादा इस दिल की जरूरत हो
माना मेरी एकतरफा मोहब्बत हो
पर इन दो नजरों पे उस रब दी रहमत हो
साँस जाने तक एक- एक साँस सम्भाल लेते है
हर धड़कन पे आपके होने का एहसास डाल लेते है
प्यार की परिभाषा हो
इस चंचल मन की अभिलाषा हो
दिल में दबी हर बात हो
इस तपते दिन की ठंडी रात हो
सुबह की लाली हो कोई शाम मतवाली हो
बेशक कोई दाग नहीं पर चाँद तो जरूर हो
माना इस जमीं की पहुँच से दूर हो
पर आँखों के रस्ते दिल के बेहद करीब हो
अगर मैं किस्मत तो आप नसीब हो
सीने में सुलगती एक आशिकी हो
और सच कहूँ तो मेरी ज़िन्दगी हो
मेरी जिन्दगी हो .....
मेरी जिन्दगी हो ......
❤️
Comments
Post a Comment