कई साल पहले !
हम भी किसी महफिल में रौशन थे
मगर वक़्त ने हालात के साथ
दोस्ती कर ली , और फिर हमें
रफ्ता - रफ्ता , तन्हाई का रास्ता
दिखा दिया ......
अब हमने भी तन्हाई से
उम्मीदों की संधी कर ली है
आने लगे है एक - एक कर
सभी महफिल वाले
मुझसे ......
तन्हाई का पता पूछने
आँखों में अश्कों की चमक लिए
सुना है बूझने लगे है महफिलों में
फिर से
ख्वाहिशों के दिये .......
✍️ shabdon_ke_ashish ✍️
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