ये दिल दीवाना ......
यूँ ना था कभी जाना
हाँ , तन्हा जरूर था माना , खुद से भी बेगाना
मगर नजरों के सामने उन नजरों का आना
और फिर वक़्त का हम दोनों के दरमियाँ
कयामत तक ठहर जाना !
फिर हौले से वो आपका मुस्कुराना .......
उफ्फ वो अदा , जो सबसे अलैदा , सबसे जुदा
रफ्ता - रफ्ता इस दिल पे उस दिल का काबिज हो जाना
ये दिल दीवाना ......
✍️ shabdon_ke_ashish ✍️
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