तुम बिन ......
कैसे ये शाम ढली तुम बिन
कैसे ये साँस चली तुम बिन
कैसे हर आह जली तुम बिन
कैसे ये जान बची तुम बिन
धड़कन को यकीं है कि उधर भी है ये बेचैनी
धड़कन को यकीं है कि उधर भी है ये बेचैनी
तभी तो ना रुकी तुम बिन
ये पलकें ना झुकी तुम बिन
तभी तो ना रुकी तुम बिन
ये पलकें ना झुकी तुम बिन
मेरा हर एक सवेरा तुम
मेरी हर शाम तुमसे है
मेरा हर काम तुमसे है
मेरा तो नाम तुमसे है
बदलता है ये दिन मुश्किल से तारीख के भरोसे पर
बदलता है ये दिन मुश्किल से तारीख के भरोसे पर
मेरी तो रात तुमसे है
मेरी हर बात तुमसे है
मेरी तो रात तुमसे है
मेरी हर बात तुमसे है
मोहब्बत ,इश्क और प्यार के नगमें कई होंगे
किसी की आँख में सिमटे हुए सपने कई होंगें
जो गैरों को भी अपना कह दे ऐसे अपने कई होंगें
कंपकंपाती हुई लबों पे लफ्ज अटके कई होंगें
मगर साँसों की माला में सिमरे जो हर एक लम्हा
मगर साँसों की माला में सिमरे जो हर एक लम्हा
ऐसे तो बस हम-तुम है
जो एक-दूजे में ही गुम है
ऐसे तो बस हम-तुम है
जो एक-दूजे में ही गुम है
❤️SwAsh💖
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