नूर-ए-हिन्द :- " कोहिनूर " , जी हाँ बिल्कुल ठीक समझा आपने प्रायद्वीपीय भारत की कोख से जन्मा मैं वही नायाब खुदाई ख़िदमतगार हूँ ,मुझे कई दफा लूटा गया ,तलवारों के दम पर कब्जा किया गया ,कभी उपहारस्वरूप सहर्ष भेंट किया गया तो कभी भयवश शौप दिया गया ,कभी सत्ता के मद में चूर शासकों द्वारा बलपूर्वक हड़पा गया तो कभी आक्रांताओं के द्वारा इस राज्य से उस राज्य तक गोद में ले जाया गया । मगर कभी खरीदा या बेचा ना जा सका ,आखिर खरीदता भी भला कौन ? मेरी कीमत लगे तब ना ,मैं तो ठहरा बचपन से ही बेशकीमती और सफर करते करते पता नहीं कब जवान हो गया और बन गया ब्रिटेन की महारानी के सर का ताज । हाँ लेकिन बारंबार तराशे जाने से मैं हल्का और पहले से भी ज्यादा चमकदार जरूर हो गया । आइये सुनाता हूँ मैं अपनी दास्तान ,कैसे बना मैं नूर-ए-हिंदुस्तान ? Hi everyone वाड़कम Let's start my brief introduction ,Basically I m a south indian .haaaahaaaaaa 😁 .... Don't take it to heart I m and I will always an indian first . तो हुआ यूँ कि मुझे आंध्रप्रदेश के गुंटूर जिले में स्थित गोलकुंडा की खान से जगाया गया ,ना जाने कि
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