एक स्त्री 🌱
क्या तुम्हारी तबीयत से
वो अपनी तबीयत भी जोड़ देगा क्या ?
जिस आदमी के लिए तू औरत बनी है लड़की से
वो आदमी अपनी आदमियत छोड़ देगा क्या ?
कभी पूछ अपने दिल से ज़रा ऐ दरिया
जिस ओर मुड़ी है तू शौक से
क्या उस ओर वो भी समंदर को मोड़ देगा
क्या ?
ये किस भ्रम में है तू सात जन्मों के
क्या इस जन्म में ही वो रिश्ता तोड़ देगा क्या ?
जिस ओर पलकें बिछाए बैठी है तू ओ स्त्री
क्या वो भी अपनी नजर उस ओर देगा क्या ?
जिस सम्मान का अभिमान पाल रखा है मन में तूने
क्या तेरे मान की लाज वो थोड़ा और देगा
क्या ?
जिन लम्हों के दामन में जीना है तुझे
क्या वो हसीं दौर देगा क्या ?
जिस खामोशी से सबकुछ सहा है तुमने
क्या वो दबा हुआ सा ही सही तनिक शोर देगा क्या ?
जिन रिवाजों और तानों ने रुलाया है तुझे
क्या वो उनका गला मरोड़ देगा क्या ?
जिसके लिए तू आ गई है सब छोड़ के
क्या तेरे लिए भी वो सबको छोड़ देगा क्या ?
क्या तुम्हारी तबीयत से
वो अपनी तबीयत भी जोड़ देगा क्या ?
जिस आदमी के लिए तू औरत बनी है लड़की से
वो आदमी अपनी आदमियत छोड़ देगा क्या ?
- एक स्त्री ✍️
@shabdon_ke_ashish ✍️
Comments
Post a Comment