तुम जिन्दगी हो ना ! 💚


सुनो !तुम संघर्ष हो ना युगों से कायम हो और सदियों तक रहोगे । तुम आशा हो ना सबके मन की अभिलाषा । तुम खुशी हो ना हर्ष और उल्लास की जननी । तुम उम्मीद हो ना जीने की वजह । तुम विश्वास हो ना भरोसे का प्रतीक । तुम अडिग हो ना तुम्हें टूट जाने का भय कैसा । तुम प्रेम हो ना वही जो रोम-रोम में रमे हो । तुम परंपरा हो ना जिसे निभाना आता है सबकुछ । तुम सभ्यता हो ना जिसे विकसित किया है स्वयं तुमने । तुम संस्कार हो ना जिसपर गर्व है समाज को । तुम लाज हो ना जिसे बचा कर रखा है तुमने बड़ी अदब से । तुम वही दहलीज हो ना जिसकी दुहाई देती है ये चारदीवारी बार-बार । तुम ऊर्जा हो ना जिसे ना तो बनाया जा सकता है और ना ही मिटाया जा सकता है । दरअसल ,तुम एक विचार हो इस सृष्टि का सार हो । तुम्हें जिसने जैसे चाहा है वैसे पाया है । पर तुम तो बड़े चंचल हो ना तभी तो सब तुम्हे खोने से डरते है । तुम ही जिन्दगी हो ना जिसे पाकर भी कहाँ पाया है सबने ?

@shabdon_ke_ashish ✍️

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