ज्ञान कम पर बेवजह जुबानी जंग 🤔

सबको पता है कि आजकल बस सोशल मीडिया का जवाना है , By hook or By Crook मतलब ऐसे वैसे जैसे तैसे कैसे भी अपने followers की संख्या बढ़ाना है ,मानो likes प्राणवायु ऑक्सिजन के समान है और comments प्यासे हलक को तृप्त करने वाला शीतल जल और अगर किसी ने शेयर कर दिया तो परमसुख की अनुभूति फिर आमजनों की असीम अनुकंपा से कहीं वायरल हो गए तो मोक्ष प्राप्त । इससे आगे कुछ है ही नहीं जीवन में जन्म सफल और उद्देश्य समाप्त ।

आधे-अधूरे ज्ञान वालों की एक लंबी कतार है ,सोशल मीडिया पे तो बारह मास बहार है । सबके सब इस चालचक्र के कृत्रिम चक्रव्यूह में ऐसे उलझे है कि इससे ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ बचा ही नहीं ।

खैर हम कोई समाज सुधारक तो है नहीं जो युग परिवर्तन का माध्यम बने और वैसे भी इन परम् ज्ञानी आत्माओं के बीच हम जैसे अल्पज्ञानियों का मौन रहना ही उचित प्रतीत होता है । पर मुझे चिंता तब होती है जब बिना किसी बात को समझे ,तथ्यों की गहराई में गए हुए कोई औंडा पौंडा लौंडा छौंडा या फिर किसी पापा की दरी आकर बेवजह टर्रटर्राने लगते है । विषय से विषयांतर चर्चा और बेवजह की टीका-टिप्पणी से किसी सभ्य व्यक्तित्व को पीड़ा होती है । समाजिक स्थल पर असामाजिक तत्वों की प्रधानता और प्रमुखता से एक धारणा उतपन्न होती जा रही है कि सोशल मीडिया एक डिजिटल गंदगी मात्र है । पर ऐसा बिल्कुल भी नहीं ये तो सागर है अब आपके ऊपर निर्भर है कि आप रत्न निकालो या फिर रेत ।

इन मूर्खों मेरा मतलब अतिज्ञानीयों की फौज के लिए अब क्या ही कहे " बस इतना समझिए कि ज्ञान कम पर बेवजह जुबानी जंग " । 

एक सच तो यह भी है कि जबतक आप मेरा लेख पढ़ रहे है/रही है तब तक ना जाने कौन महापुरुष आपके किसी सकारात्मक पोस्ट या कमेंट पर बिना उसको समझे ,ना जाने कौन सा विराग भैरवी अलाप कर कीचड़ उड़ेल रहा होगा ,जिसे देख कर आप बस इतना कहेंगे " हे प्रभु आप अवतार लीजिए " । 😊

@shabdon_ke_ashish ✍️

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